भारत और विश्व इतिहास के लिए क्यों हैं खास 31 दिसंबर
अगर देखा जाये तो 31 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 365 वॉ दिन हैं,और लीप वर्ष मे देखा जाये तो 31 दिसंबर 366 वॉ दिन है। यह साल का आखरी दिन है।
31 दिसंबर 1929 को ही महात्मा गाँधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने लाहौर में पूर्ण स्वाराज के लिए आंदोलन शुरू किया था। 31 दिसंबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ का घोषणापत्र के सत्यापन का कार्य पूर्ण हुआ था। 31 दिसंबर 1949 को ही 18 देशों ने इंडोनेसिया गणतंत्र को मान्यता प्रदान की थी। राजीव गाँधी 40 वर्ष की उम्र में भारत के सातवें प्रधानमंत्री भी बने थे, तो अब चालिए भारत और विश्व के इतिहास के बारे में जानने की ओर कोशिश करते हैं, क्यों हैं 31 दिसंबर भारत और विश्व के इतिहास के लिए खास।
31 दिसंबर 1929
अगर थोड़ा और बात करें भारत की इतिहास के बारे में तो सबसे पहले 1929 के बारे में बात करना ठीक होगा,तो चालिए 1929 के कुछ और इतिहास को जानते हैं। 31 दिसंबर 1929 के कांग्रेस अधिवेशन में की गई पूर्ण स्वाराज की मांग।
31 दिसंबर 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में प्रस्ताव प्रारित कर भारत के लिए पूर्ण स्वाराज की मांग की गई थी। जवाहरलाल नेहरू ने कहा था की हमारा लक्ष्य सिर्फ स्वीधीनता प्राप्त करना हैं, हमारे लिए स्वीधीनता हैं पूर्ण स्वतंत्रता। इसी दिन 31 दिसंबर 1929 को रावी भारत-पाकिस्तान के नदी तट पर जवाहरलाल नेहरू द्वारा भारतीय स्वीधीनता का तिरंगा झंडा फहराया गया था। कांग्रेस ने भारत के लोगो से 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने को कहा था। कांग्रेस के स्वयंसेवकों, जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रवादियों और जनता द्वारा पुरें भारत में सार्वजनिक रूप से भारत का तिरंगा झंडा फहराया गया था। अगर देखा जाये तो 31 दिसंबर की ऐसी बहुत सारी घटनाएं घटी हैं, जो भारत और विश्व की इतिहास के पन्नों पर दर्ज हैं, तो क्यों न हम लोग कोशिश करें उन इतिहासो को जानने की जो भारत और विश्व की इतिहास की पन्नों पर दर्ज हो कर रह गई हैं।
31 दिसंबर की घटी घटनाएं
31- दिसंबर 1802-में पेशवा बाजीराव द्वितीय को ब्रिटिश संरक्षण प्राप्त हुआ था।
31-दिसंबर 1861-चेरापूँजी असम में 22990 mm बारिश हुई थी, जो विश्व में किसी भी स्थल पर होने वाली सर्वाधिक वर्षा हैं।
31-दिसंबर 1929-में महात्मा गाँधी के नेतृत्व में कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने लाहौर में पूर्ण स्वाराज के लिए आंदोलन शुरू किया था।
31-दिसंबर 1945 को संयुक्त का घोषणापत्र के सत्यापन का कार्य पूर्ण हूआ था।
31-दिसंबर 1949 में 18 देशो ने इंडोनेशिया गणतंत्र को मान्यता प्रदान की थी।
31-दिसंबर 1984-को राजीव गाँधी ने 40 वर्ष की उम्र में भारत के सातवें प्रधानमंत्री बने थे।
31 दिसंबर 1988 को परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले रोकने के लिए भारत और पाकिस्तान ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था, जो 27 जनवरी 1991 से प्रभावी हुआ।
31-दिसंबर के जन्म लिए व्यक्ति
31-दिसंबर 1925-को श्रीलाल शुक्ल हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। जिनका जन्म 31 दिसंबर 1925 को हुआ था।वह समकालीन कथा साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये जो की विख्यात थे।
31- दिसंबर 1979 को अंशु जमसेंपा का जन्म हुआ था। जो की भारत के पर्वतारोहि हैं।
31 दिसंबर 1951 को अरविन्द गणपत सावंत का जन्म हुआ था। जो भारतीय राजनीतिज्ञ, मुंबई सेशिवसेना के नेता भी हैं।
31-दिसंबर 1915 को यमुनाबाई वाईकर का जन्म हुआ था , जो भारत की प्रसिद्ध लोक कलाकार भी थी। उन्हें लावणी की क्वीन भी कहा जाता था।
31- दिसंबर 1866 को कृष्ण बल्ल्भ सहाय का जन्म हुआ था, जो बिहार के मुख्यमंत्री एवं स्वतंत्रता सेनानी भी थे।
31- दिसंबर 1738 को लॉर्ड कॉर्नवॉलिस का जन्म हुआ था, जो फ़ोर्ट विलियम प्रेसिडेंसी के गवर्नल जनरल था।
31-दिसंबर के दिन निधन हुऐ व्यक्ति का नाम
31-दिसंबर 1979 को ज्ञान सिंह रानेवाला का निधन हुआ था, जो भारतीय राजनीतिज्ञ थे।
31-दिसंबर 1965 को वी.पी. मेनन का निधन हुआ था, जो भारतीय रियासतों के एकीकरण में सरदार पटेल के सहयोगी थे।
31-दिसंबर 1956 को रविशंकर शुक्ला का निधन हुआ था, जो की मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
31-दिसंबर 1926 को विश्वनाथ काशीनाथ राजवाडे का निधन हुआ था। जो प्रसिद्ध भारतीय लेखक थे और इतिहासकार, श्रेष्ट वक्ता और विद्वान् थे।